दिल्ली से छपने वाले कई अख़बारों ने सुनील अरोड़ा के नए मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त बनाए जाने की ख़बर को पहले पन्ने पर जगह दी है.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, सुनील अरोड़ा दो दिसंबर को मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत की जगह लेंगे जो एक दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं. सुनील अरोड़ा के नेतृत्व में ही 2019 लोकसभा चुनाव होंगे.
सुनील अरोड़ा 1980 बैच के राजस्थान कैडर के आईएसए अधिकारी हैं और कई अहम विभागों में रह चुके हैं. इनमें स्किल डेवलपमेंट सेक्रेटरी और सूचना प्रसारण मंत्रालय के अहम पद पर रहना शामिल है.
अरोड़ा वित्त, कपड़ा और नीति आयोग में भी सेवाएं दे चुके हैं. वो इंडियन एयरलाइंस के सीएमडी पद पर भी पांच साल रहे हैं.
माना जाता है कि सुनील अरोड़ा राजस्थान की मौजूदा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के भरोसेमंद हैं. वो साल 2005 से 2009 के बीच राजे की मुख्य सचिव भी रह चुके हैं.
मोदी बोले- 26/11 भूलेंगे नहीं
जनसत्ता में छपी एक ख़बर के मुताबिक़, 26/11 हमले के 10 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "हिंदुस्तान न 26/11 हमले को भूलेगा और न ही उसके गुनहगारों को. हम मौक़े की तलाश में हैं. क़ानून अपना काम करता रहेगा."
राजस्थान के भीलवाड़ा की एक चुनावी रैली में मोदी ने कहा, "जब मुंबई में हमला हुआ, तब कांग्रेस राजस्थान में चुनाव जीतने का खेल खेल रही थी. लेकिन जब मेरे देश की सेना ने पाकिस्तान के घर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की तो कांग्रेस ने सवाल उठाया कि वीडियो दिखाओ."
मोदी ने कहा, "कांग्रेस के नेता सेना के जवानों को मौत के घाट उतारने वाले माओवादियों को क्रांतिकारी होने की सनद दे रहे हैं. हमने माओवाद को उसी की भाषा में जवाब दिया है. लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं होगा."
देश पर दया करो और इंजीनियर मत बनो'
अमर उजाला अख़बार ने बीटेक के चार साल और चार साल के अतिरिक्त वक़्त के बावजूद 17 बार कंपार्टमेंट पाने वाले छात्र को फटकार लगाने की ख़बर को पहले पन्ने पर जगह दी है.
अख़बार के मुताबिक़, एनआईटी कुरुक्षेत्र में बीटेक के 2009 बैच के छात्र ने 17 कंपार्टमेंट पास करने के लिए दया के आधार पर मौक़ा दिए जाने की अपील की है. इस अपील पर हाईकोर्ट ने छात्र को जमकर फटकार लगाई है.
अख़बार के मुताबिक़ कोर्ट ने कहा, "हमसे दया की अपील मत करो. बस देश पर दया करो और इंजीनियर मत बनो. ऐसे इंजीनियरिंग की डिग्री ले भी ली तो जिस इमारत में तार बिछाओगे, वहां आग लगना तय है."
छात्र का कहना है कि वो निजी कारणों से कंपार्टमेंट क्लीयर नहीं कर पाया था. इस पर कोर्ट ने छात्र से कहा, "आप इस कोर्ट पर दया करें और वक़्त ख़राब न करें."
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