Wednesday, April 24, 2019

क्या सेक्स वर्क एक आम पेशा हो सकता है?

एम्सटर्डम का रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट घुमावदार गलियों और घरों की खिड़कियों पर खड़ी होकर ग्राहकों को लुभाती महिलाओं के लिए मशहूर है.

यह नीदरलैंड में पर्यटन और सांस्कृतिक पहचान का केंद्र है, जहां पिछले कई दशकों से सुरक्षित और क़ानूनी रूप से वैध सेक्स की इजाज़त है. लेकिन जल्द ही ये सब बंद हो सकता है.

नीदरलैंड की संसद में सेक्स वर्क की क़ानूनी वैधता पर बहस की तैयारी चल रही है.

दक्षिणपंथी ईसाई और वामपंथी महिलावादी, दोनों सेक्स वर्क का विरोध कर रहे हैं.

उधर, रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट की यौनकर्मियों पर काम करने के अपने अधिकार को बचाने का दबाव है.

क्या यह बहस पेड सेक्स क़ानून में बदलाव ला सकती है? इससे इस पेशे से जुड़े लोगों के रोज़गार और उनकी ज़िंदगी पर कैसा असर पड़ेगा?

'मैं अनमोल हूं'
'क्या होता अगर वो आपकी बहन होती?' ये लाइन नीदरलैंड में सोशल मीडिया पर चल रहे अभियान का हिस्सा है.

इस अभियान का नाम है- 'मैं अनमोल हूं' और इसके तहत पेड सेक्स को अपराध बनाने की मांग हो रही है.

सारा लूस इस अभियान के साथ काम करती हैं. उनका कहना है कि पिछले सात साल में 46 हज़ार लोगों के दस्तख़त जुटाए गए, तब जाकर संसद में बहस होने वाली है.

इस अभियान का मक़सद मौजूदा क़ानून को बदलना है ताकि 'नॉर्डिक मॉडल' को अपनाया जा सके.

कामकाजी महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा कम करने के लिए 'नॉर्डिक मॉडल' के तहत सेक्स वर्कर को किराये पर लेने वाले मर्दों पर जुर्माना लगाया जा सकता है.

फ़िलहाल नीदरलैंड में दो वयस्कों के बीच रज़ामंदी से पेड सेक्स वैध है. यह क़ानून 1971 से लागू है.

लूस को लगता है कि #MeToo के ज़माने में यह क़ानून पुराना पड़ चुका है. रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट में चाहे कितनी भी यौन आज़ादी हो, यह आज के ज़माने के हिसाब से नहीं है.

रोमानिया की एक सेक्स वर्कर (जो चेरी के छद्मनाम से जानी जाती हैं) का कहना है कि वह किराया चुकाने और कुछ पैसे कमाने के लिए यह काम करती हैं.

वो एक दशक तक रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट में काम कर रही हैं.

उन्होंने बीबीसी की एना हॉलिगन से कहा, "यदि यह याचिका (संसद में) मंज़ूर कर ली जाती है तो यह मुझे यहां से बाहर निकालने के लिए अच्छा क़दम होगा."

फ़ॉक्सी नाम से जानी जाने वाली दूसरी सेक्स वर्कर को लगता है कि इससे उनका पेशा और वर्जित हो जाएगा. उनकी निगरानी बढ़ जाएगी और लोग उनको कम स्वीकार करेंगे.

वो कहती हैं, "हमें भूमिगत होना पड़ेगा ताकि पुलिस और हेल्थ सर्विस के लोग हमें आसानी से न पकड़ पाएं."

फ़ॉक्सी का कहना है कि वो अपनी मर्ज़ी से यह काम करती है और मानव तस्करी जैसी समस्याएं दूसरे क्षेत्रों में भी हैं.

तो क्या महिलाओं को अपने तरीके़ से पैसे कमाने की आज़ादी देने के लिए वैध सेक्स वर्क जारी रहेगी या यह वास्तव में दमनकारी है?

वेश्यावृत्ति रोकने वाले क़ानून महिलाओं की कितनी हिफ़ाज़त करते हैं और स्वास्थ्य सेवा जैसे लाभों तक उनकी कितनी पहुंच बनाते हैं, यह सभी देशों में एक समान नहीं है.

विशेषज्ञों का कहना है कि ग़रीब देशों में वेश्यावृत्ति निरोधी क़ानून का सहारा लेकर अक्सर महिला सेक्स वर्करों को ही प्रताड़ित किया जाता है.

इसके अलावा, ये क़ानून बीमारियां फैलने से रोकने, मानव तस्करी या महिलाओं के ख़िलाफ़ होने वाली हिंसा को रोकने में हमेशा कारगर नहीं रहे हैं.

किंग्स कॉलेज लंदन में क़ानून और सामाजिक न्याय की प्रोफेसर प्रभा कोटिश्वरन कहती हैं, "वेश्यावृत्ति निरोधी क़ानून से सेक्स वर्कर्स के अधिकारों का हनन किया जाता है."

वो कहती हैं, "क़ानून से बचने के लिए उनको पुलिसवालों को रिश्वत देनी पड़ती है- या तो यौन रिश्वत या आर्थिक रिश्वत. मतलब यह कि रिश्वत में दिए गए पैसे की भरपाई के लिए उनको ज़्यादा सेक्स वर्क करना पड़ेगा."

अभियान चलाने वाले लोग, जो ख़ुद को उन्मूलनवादी कहते हैं, पुरुष ग्राहकों पर जुर्माना लगाने की मांग करते हैं. लेकिन दूसरे लोगों का मानना है कि सबसे ज़्यादा ध्यान महिलाओं को सशक्त बनाने पर होना चाहिए.

ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीक़ा क्या है? उन्मूलनवादियों का कहना है कि वेश्यावृत्ति को 100 फ़ीसदी वैध बना दिया जाए.

अमरीका के नेवादा की सेक्स वर्कर क्रिस्टिना परेरा सेक्स के लिए भुगतान को सही बताती हैं.

वह कहती हैं, "यह उन गिने-चुने पेशों में से एक है जहां महिलाएं पुरुषों से ज़्यादा कमाती हैं. महिलावादी इसे छीनना चाहते हैं जो कि मूर्खतापूर्ण है."

परेरा कभी-कभी सेक्स वर्क करती हैं. वो डॉक्टरेट कर रही हैं और उनकी रिसर्च सेक्स इंडस्ट्री पर ही है.

वो सेक्स वर्क को अपराध बनाने के ख़िलाफ हैं. उनका कहना है कि इस काम से उन्होंने अच्छी ज़िंदगी बनाई है.

परेरा कहती हैं "मैंने पर्याप्त पैसे कमाए हैं. मैं पीएचडी पूरी कर सकती हूं और मुझे काम नहीं करना पड़ता. पेशा बंद होने से सैकड़ों-हज़ारों लोग पेशे से बाहर हो जाएंगे."

नेवादा में कुछ जगहों पर सेक्स वर्क वैध है. परेरा कहती हैं, "वेश्याघरों के बारे में अच्छी बात यह है कि चूंकि यह वैध है इसलिए वहां आप सुरक्षित हैं. यदि कोई ग्राहक काबू से बाहर हो जाए तो आप पैनिक बटन दबा सकते हैं."

Thursday, April 18, 2019

चीन की 'नौका वाली सेना' को लेकर इतना हंगामा क्यों मचा है

दरअसल, अप्रैल महीने की शुरुआत में जब चीन और फिलीपींस प्रशासन, साउथ चाइना सी के मुद्दे पर आपस में 'अच्छे नतीजे' वाली बातचीत कर रहे थे, तब विवादास्पद क्षेत्र में फिलीपींस अधिकृत द्वीप के आसपास दर्जनों मछली पकड़ने वाली चीनी नौकाएं जमा हो गईं थीं.

फिलीपींस की सेना के मुताबिक जनवरी से टीटू द्वीप (फिलीपींस में पागासा और चीन में झोंजेई नाम से जाना जाने वाला द्वीप) के आसपास सैंडी काय एरिया में ऐसी 275 नौकाएं मौजूद थीं.

फिलीपींस के अधिकारियों के मुताबिक ये नौकाएं, कथित तौर पर चीन के उस समुद्री बेड़े का हिस्सा हैं जो समुद्र में मछली पकड़ने का काम करती हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय नौसेना विशेषज्ञों के मुताबिक ये बेड़े मछली पकड़ने के अलावा भी बहुत कुछ करते हैं.

इसे चीन का थर्ड सी-फोर्स भी कहा जा रहा है जो पीपल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलएएन) और चाइनीज कोस्ट गार्ड (सीसीजी) के साथ तालमेल में काम करता है. हालांकि चीन की सराकर ने ऐसे किसी बेड़े के अस्तित्व से इनकार किया है और इन समुद्री नौकाओं के कामों में किसी तरह से संलिप्ता की बात का खंडन किया है.

फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो ड्यूटेर्टे के शासनकाल में फिलीपींस और चीन के आपसी संबंध काफी बेहतर हुए हैं, ऐसे में मौजूदा घटनाक्रम को अप्रत्याशित रूप में देखा जा रहा है.

फिलीपींस ने अपनी अप्रसन्नता जाहिर करते हुए चीन के इन नौकाओं की मौजूदगी को गैर कानूनी बताया है. फिलीपींस के मुताबकि चीन के इस रवैए से उसकी नीयत पर सवाल उत्पन्न होते हैं और उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उसकी बलपूर्वक नीतियों को दर्शाते हैं.

मनीला ने चार अप्रैल को कहा है, "चीन की सरकार ने ऐसी गतिविधियों से इनकार नहीं किया है, ऐसे में लग रहा है कि उन्होंने ऐसी रणनीति को अपनाया है."

फिलीपींस की मीडिया में ऐसी भी खबरें आ रही हैं जिसके मुताबिक चीनी समुद्री नौकाएं दो अन्य द्वीपों - कोटा द्वीप और पानाटाग द्वीप के आसपास भी मौजूद हैं.

यूनिवर्सिटी ऑफ़ फिलीपींस, इंस्टीट्यूट फॉर मैरीटाइम अफेयर्स एंड लॉ बाय द सी के डायरेक्टर जे बाटोंगबाकाल के मुताबिक ये नौकाएं चीन सरकार की सहायता और अनुदान से चलने वाले बेड़े का हिस्सा हैं, जो चीनी सेना के नियंत्रण और तालमेल से अपना काम करती हैं.

चार अप्रैल को एबीएस-सीबीएन चैनल को दिए गए इंटरव्यू में बाटोंगबाकाल ने कहा कि अगर चीन सैंडी काय एरिया में जहाजों से नॉन मिलिट्री नौकाओं के बेड़े को नहीं हटाता है तो फिर फिलीपींस टीटू द्वीप पर अपना नियंत्रण खो देगा क्योंकि तब द्वीप तक पहुंचना संभव नहीं होगा. बाटोनगबाकाल इसे समुद्र में गुरिल्ला युद्ध के तौर पर देख रहे हैं.

लेकिन चीन के फिलीपींस में तैनात राजनयिक जहाओ जिआनहुआ कहते हैं कि ये समुद्री नौकाएं केवल मछली पकड़ने वाली नौकाएं हैं और ये सशस्त्र नहीं हैं.

चाइनीज एकेडमी ऑफ़ सोशल साइंसेज के विद्वान शू लिपिंग इस घटना को लेकर चीन के उद्देश्यों के बारे में एकदम स्पष्टता से बताया है. उनहोंने 13 अप्रैल को हांगकांग के अख़बार साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट (एससीएमपी) से कहा है कि फिलीफींस जो टिटू द्वीप में निर्माण कार्य कर रहा है, उसे देखते हुए ये नौकाएं चीन की ओर से नरमी भरी चेतावनी थी.

नौसेना विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसी रणनीति के जरिए कई उद्देश्यों को पूरा किया जाता है, जिसमें अपनी सीमा रेखा को बढ़ाना, दूसरे देश की सीमाओं की निगरानी, विदेशी जहाजों का डराना और विवादास्पद क्षेत्र में किसी दूसरे देश के प्रवेश को रोकना शामिल है.

ऐसे में ये भी माना जा रहा है कि चीन और फिलीपींस के बीच मौजूदा संकट ये बताता है कि इस तरह के अनियिमित सैन्य बलों से निपटना आसान नहीं होता है.

इन नावों का इस्तेमाल ट्राइपवायर के तौर पर किया जा सकता है, यानी पीपल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलएएन) की किसी योजना को पूरा कर सकते हैं. 2012 में ऐसा हो चुका है जब चीन ने स्कारबरा शोएल पर कब्जा किया था.

रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक इन नावों पर जब कोई कार्रवाई नहीं होती है तो ये धीरे धीरे विवादास्पद क्षेत्र में अपनी संख्या बढ़ाते रहते हैं और एक समय ऐसा आता है जब किसी दूसरे के लिए उस क्षेत्र में प्रवेश करना मुमकिन नहीं रह जाता है. इस ग्रे ज़ोन ऑपरेशन कहते हैं यानी बिना कोई फायरिंग किए फायदा उठा लिया जाता है.

अमरीकी थिंक टैंक रैंड कारपोरेशन के वरिष्ठ रक्षा विश्लेषक डेरेक ग्रॉसमैन बीबीसी मॉनिटरिंग से कहते हैं, "नाव के बेड़े के रूप में सैनिकों की मौजूदगी से कंफ्यूजन की स्थिति पैदा होती है, विरोधी इसे बेहतर तरीके से कैसे डील करें, ये उलझन पैदा हो जाती है."

राष्ट्रपति रोड्रिगो ड्यूटेर्टे की चीन संबंधी नीतियों के कटु आलोचक और फिलीपींस के सांसद गैरी अलेजानो इसी चीन की कैबेज स्ट्रेटजी ( जो रणनीति कई स्तर पर एक साथ काम करती हो) का हिस्सा बताते हैं.

उन्होंने नौ फरवरी को साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट से कहा था, "कैबेज की तरह, चीनी नौकाएं हमारी सीमा के आसपास जमा है, उनका उद्देश्य हमारे सैनिकों को धमकाना और अपने द्वीप पर हमारे प्रभावी नियंत्रण को रोकना है."

ऐसी एक स्थिति 2014 में तब देखने को मिली थी जब ऐसी नौकाओं ने पीएलएएन और सीसीजी के साथ मिलकर एक बड़े तेल टैंकर वाले चाइनीज जहाज पर हमला करने के उद्देश्य से आने वाले वियतनामी नौकाओं के बेड़े को रोक दिया था, यह तेल टैंकर वियतनाम के विशेष आर्थिक जोन में मौजूद था.

हालांकि एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज (आरएसआईएस) के रिसर्चर जैंग होंगजाओ कहते हैं सभी मछुआरों को सैनिक के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने तीन मार्च को साउथ मार्निंग चाइना पोस्ट से कहा, "इस नैरेटिव को अगर ओवरप्ले किया गया तो सभी मछुआरों को नौसैनिकों की तरह देखा जाना लगेगा."

Wednesday, April 10, 2019

韩国瑜访港澳会晤中联办官员背后的政治考量

台湾高雄市长韩国瑜22日至28日访问香港丶澳门丶深圳及厦门,这是去年12月25日上任后,他首度访问港澳及大陆。他将此行定调为“经济之旅”,不谈政治,不过先后与香港丶澳门中联办主任见面,引发台湾蔡英文质疑及香港部分议员不满。

台湾政治专家评论,韩国瑜出访及蔡英文的回应都有政治考量。

出访港澳与多名官员见面
韩国瑜22日到达香港后,受到港府高规格接待,并与香港特首林郑月娥见面。韩国瑜将此行定调为经济之旅,不谈政治。面对香港媒体提出“一国两制台湾方案”及“九二共识”的问题,韩国瑜巧妙回避。他反问该名记者:“有没有品尝台湾水果?”并强调这趟是来交朋友丶做生意。

面对媒体提出的政治问题,韩国瑜皆避而不谈。在港澳三天的公开行程中,举办贸易洽谈会及签约仪式,与港澳丶北京丶上海等多家企业,共签下总计金额32亿元新台币的订单。而除了实质上的经济交流,韩国瑜也与港澳中联办主任王志民及傅自应会面,由于出发前未公布该行程,因此引发关注。

韩国瑜是首位进入中联办大楼的台湾地方首长,对此他回应说,他不晓得,并强调谈的内容是:“个人过去工作的岗位上,人生的甘苦,老婆和孩子,香港跟高雄的未来,像这些天南地北。”

香港中联办会后发布新闻稿指出,“王志民向韩国瑜介绍香港回归祖国21年来取得的巨大成就和进步。”面对BBC中文提问,是否会参考香港与大陆的关系,作为台海两岸关系未来选项之一?韩国瑜并未正面回应,他只强调:“经济很重要,只有愚蠢的政治人物才不重视经济,整个中华五千年,老百姓吃不饱才会革命。经济问题是每一个政府都要重视的。”

韩国瑜此行增加了许多闭门会议,并临时取消多个公开行程。对此,韩国瑜解释:“我们都遵照地主的安排,我觉得是基本礼貌。”只是出发前,对于访陆行程韩国瑜曾表示会公开透明,如今却一再出现保密行程。

韩国瑜晤中联办官员引发争议
韩国瑜先后和香港丶澳门中联办主任见面,香港立法会议员朱凯廸丶区诺轩和梁耀忠,以及“香港众志”发联署声明表达不满。连署书称,韩国瑜这次打破成规,明显是经过北京精心安排。

香港中联办全名为“中央人民政府驻香港特别行政区联络办公室”,根据官方网站资料显示,大陆中央赋予中联办五项职能之一就是“处理有关涉台事务”。

另外,正在海外访问太平洋三岛国的台湾总统蔡英文也隔海批评,称中联办是中国大陆在香港实施“一国两制”的重要机构,安排韩国瑜到访中联办,很难排除是制造“九二共识”氛围,“不清楚韩市长是否有这样的警觉”。

台湾陆委会也指出,希望高雄市政府能进一步对外说明会面情形,以释疑虑,也让民众安心。

对于外界评论,韩国瑜表示,陆委会也好或是其它酸言酸语,这些不必要的杂音和怀疑论,非常无聊,一点意思都没有。

韩国瑜港澳之行在两岸三地引发广泛关注,除了台港澳媒体大阵仗采访,也有日韩记者随行采访,很大原因就是他极有可能代表国民党参选2020年台湾总统选举。台湾多项民调显示,韩国瑜若代表国民党选下一任台湾总统,支持度都胜过柯文哲和民进党的候选人。


在港澳的三日行程,韩国瑜多次被问及是否参选总统,不过他始终不愿正面回应。据台媒报导,国民党基层支持高雄市长韩国瑜代表参选总统的声音很大,国民党主席吴敦义3月23日证实,确实有征召韩国瑜领表,参加党内总统初选的规划。

不谈政治却动作频繁
韩国瑜在港澳的一举一动都被放大检视,拜访中联办的行程更在港台引发讨论。台湾中央研究院社会学研究所副研究员吴介民向台湾媒体分析,北京安排韩国瑜进入中联办,就等于让他直接承认“一国两制”,进而实践中国领导人习近平一月提出的“一国两制台湾方案”。

Tuesday, April 2, 2019

木里火灾牺牲的20岁消防员:执行任务前刚和妈妈视频聊天

  3月30日18时许,四川省凉山州木里县雅砻江镇立尔村发生森林火灾。截至4月1日18点30分,30名失联扑火人员的遗体已全部找到,包括27名森林消防队员和3名地方干部群众。

  2日上午,木里森林大火牺牲消防员唐容臻的姐姐康辉告诉澎湃新闻,自己现在正在回山东临沂的路上,心情特别焦急、难过。弟弟唐容臻今年20岁,山东临沂人,执行任务前的周六(3月30日)曾跟妈妈上网视频聊过天。

  康辉说,弟弟在家里特别听话懂事,2017年参军武警兵,退役后当上了消防武警官兵。姐姐得知弟弟当上了消防武警官兵曾叮嘱过他万事小心,“我们家人都会陪伴在你身边,凡事照顾好自己。” 康辉说,弟弟执行任务的时候从来不告诉家人,只是上山救火任务完成后会发一个朋友圈向家人报喜。现在已经看不到唐容臻的朋友圈了,他的朋友圈设置了“三天可见”。

  康辉说,自己最后一次跟弟弟聊天是农历2月2日,弟弟过生日,自己曾在微信上送过祝福。

  另一名牺牲人员蒋飞飞是四川南充人,他的母亲泣不成声。其二姑夫告诉澎湃新闻,蒋飞飞在凉山州工作有十多年了,以前是森林武警,去年转为消防员,是中队长。4月2日上午,家属正前往凉山州。

  牺牲消防员高继凯的父亲在陕西老家,得知孩子出事后,他的心情很悲痛,沉默,不愿意多说,准备4月2日坐飞机去凉山州。

  牺牲人员孔祥磊生于1990年2月3日,未婚,家里还有一个妹妹。目前他父亲正在赶车往县城,预计今晚八九点到西昌。

  新京报讯(记者 赵志远 张熙廷)据应急管理部消息,3月30日发生的四川省凉山州木里县雅砻江镇立尔村发生森林火灾,已致30名扑火人员遇难。一名参与扑火行动的人员告诉新京报记者,事发后,他所在的扑火队7人被迫跳往对面山崖才得以逃生。

  一名经历爆燃的扑火人员告诉新京报记者,事发前,他与有人员遇难的灭火队伍相隔不远,后来从火场死里逃生。他回忆,当时他所在的当地村庄打火队与民兵队的7人,正在高山上灭火约。下午5时许,风向突变,大火猛窜并迅速向上扑来。“火势太猛了,已经无法用言语形容。”