Wednesday, January 9, 2019

हार्दिक पंड्या ने महिलाओं के ख़िलाफ़ अपने बयानों पर मांगी माफ़ी: प्रेस रिव्यू

टेलीविज़न के एक चर्चित शो 'कॉफ़ी विद करन' में एक के बाद कई विवादित टिप्पणियों के चलते आलोचनाओं में घिरे टीम इंडिया के ऑलराउंडर क्रिकेटर हार्दिक पंड्या ने माफ़ी मांगी है.

नवभारत टाइम्स में प्रकाशित समाचार के अनुसार पंड्या ने कहा कि इसके ज़रिए वह न तो किसी को दुख और न ही किसी का अपमान करना चाहते थे. अगर किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो वह माफ़ी मांगते है.

इससे पहले इस शो में हार्दिक पंड्या की महिलाओं पर की गई विवादित टिप्पणियों को लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें नारी-विरोधी भी कहा गया था.

इस शो में पहली बार किसी क्रिकेटर ने हिस्सा लिया था. हार्दिक पंड्या के अलावा केएल राहुल भी इस शो का हिस्सा बने थे. सोशल मीडिया पर भारी आलोचनाओं के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने पंड्या और राहुल को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

पंड्या ने अपना माफ़ीनामा ट्वीट भी किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि वे शो के फॉर्मेट की वजह से भावनाओं में बह गए थे.

आलोक वर्मा ने सभी ट्रांसफ़र पर रोक लगाई

हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित ख़बर के अनुसार आलोक वर्मा ने दोबारा सीबीआई निदेशक का पद संभालते ही बिना वक़्त गंवाए अपनी छुट्टी के दौरान हुए तमाम ट्रांसफ़र आदेशों को निरस्त कर दिया है.

इसके अलावा ख़बर में बताया गया है कि आलोक वर्मा के बारे में विचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति ने बैठक की लेकिन वह बेनतीजा रही. अब यह समिति गुरुवार को फिर बैठक करेगी.

आठवीं कक्षा तक हिंदी अनिवार्य
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक समाचार के अनुसार देश के सभी स्कूलों में आठवीं क्लास तक हिंदी अनिवार्य होगी. देश की नई शिक्षा नीति के लिए बनाई गई नौ सदस्यीय के कस्तूरीरंगन समिति की तरफ़ से यह बात रखी गई है.

ख़बर के अनुसार पूरे देश में विज्ञान और गणित के लिए समान पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा इसके अलावा आदिवासी बोलियों को देवनागरी लिपि में तैयार किया जाएगा. अख़बार के मुताबिक़ इस समिति ने अपनी रिपोर्ट पिछले महीने मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय को पिछले महीने सौंप दी.

दिल्ली में हर दिन पांच बलात्कार
दिल्ली पुलिस ने अपनी सालाना रिपोर्ट पेश की है. हिंदुस्तान अखबार के प्रकाशित समाचार के अनुसार राजधानी दिल्ली में दुष्कर्म के 97.50 प्रतिशत मामलों में अभियुक्त परिचित ही होते हैं.

साल 2018 में 2043 दुष्कर्म की वारदातों में से 1992 मामलो में पुलिस ने पीड़िता के रिश्तेदार, पड़ोसी, स्टाफ, परिजनों के दोस्त और लिव इन पार्टनर को गिरफ्तार किया.

इसके अलावा अपहरण के मामलों में पिछले साल की तुलना में 35.71 फीसदी की वृद्धि हुई. हालांकि दुष्कर्म के मामलों में 0.78 फीसदी की कमी दर्ज की गई.

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