इस आयोजन में मुकेश अंबानी, राजन भारती मित्तल सहित तमाम बड़े उद्योगपतियों के भाग लेने की उम्मीद की जा रही है.
हालांकि, ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच आपसी तनातनी को देखते हुए इस बार के आयोजन में किसी केंद्रीय मंत्री के भाग लेने की संभावना नहीं के बराबर है.
पहले के आयोजन में अरुण जेटली, सुरेश प्रभु और नितिन गडकरी इस आयोजन में शामिल हो चुके हैं.
जिन केंद्रीय मंत्रियों को आमंत्रित किया गया है उनमें से केवल सुरेश प्रभु ने आमंत्रण का जवाब देते हुए आने में असमर्थता जाहिर की है.
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मुजफ़्फ़रपुर शेल्टर होम मामले को लेकर सीबीआई के तत्कालीन निदेशक एम. नागेश्वर राव को अवमानना का नोटिस भेजा है.
कोर्ट ने शेल्टर होम मामले की जांच कर रहे अधिकारी का बिना अनुमति से तबादला किए जाने को लेकर सीबीआई को फटकार लगाई है.
नोटिस में नागेश्वर राव को 12 फरवरी को कोर्ट के सामने पेश होने को कहा गया है.
सीबीआई प्रमुख रहते हुए नागेश्वर राव ने पूर्व संयुक्त निदेशक एके शर्मा का तबादला कर दिया था. एके शर्मा शेल्टर होम मामले की जांच कर रहे थे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एजेंसी से बाहर अधिकारी का स्थानांतरण करना कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है, जिसके साथ ही रेपो रेट घटकर 6.25 फीसदी हो गई है.
आरबीआई की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक में इस कटौती का फैसला लिया गया है. इस बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के नए गवर्नर शक्तिकांत दास कर रहे थे.
शक्तिकांत दास के कार्यकाल की यह पहली समीक्षा बैठक थी. उन्होंने 12 दिसंबर को आरबीआई की कमान संभाली है.
उम्मीद की जा रही है कि रेपो रेट में हुई इस कटौती से लोन सस्ते हो सकते हैं.
गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ धरना देने वाले बंगाल पुलिस के पांच अधिकारियों के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है.
कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार समेत इन सभी अधिकारियों के मेडल भी वापस लिए जा सकते हैं. इसके अलावा ये भी ख़बरें हैं कि मंत्रालय एक निश्चित अवधि तक उनके केंद्रीय सेवा में आने पर रोक लगा सकता है.
कुछ दिनों पहले पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर पर आए सीबीआई अधिकारियों को रोकने के बाद से पश्चिम बंगाल में राजनीति गरमा गई थी.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया था और वो धरने पर बैठ गई थीं. उनके साथ कुछ पुलिस अधिकारी भी धरने में शामिल थे.
वहीं, बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस पर भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था.
पत्रकार जमाल ख़ाशोगी की हत्या की जांच कर रही संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की जांचकर्ता ने कहा है कि ये हत्या सुनियोजित थी और इसे सऊदी अधिकारियों ने अंजाम दिया था.
एग्नेस केलमर्ड इस हत्या की जांच कर रहे अंतरराष्ट्रीय दल का नेतृत्व कर रही हैं.
उनकी शुरुआती जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की को हत्या की जांच करने से रोका गया और सऊदी अधिकारियों ने हत्या के बाद 13 दिन तक जांचकर्ताओं को दूतावास में दाख़िल नहीं होने दिया.
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